कब-कब है सावन सोमवार व्रत
शिवपुराण के अनुसार सबसे पहले माता पार्वती ने भगवान भोलेनाथ की कामना के लिए सोलह सोमवार का व्रत रखा था। जब माता सती ने सक्ष प्रजापति की पुत्री माता पार्वती के रूप में जन्म लिया था तब उन्होंने महादेव को हर जन्म में अपना पति बनाने का प्रण लिया था। इसी प्रण की वजह से माता पार्वती ने सोलह सोमवार का कठिन व्रत रखा और भगवान शिव की अर्धांगिनी बनीं।
भगवान शिव की आराधना के लिए सबसे अच्छा महीना सावन माना जाता है। ह इस दिन खाततौर पर सुहागिन और अविवाहित कन्याएं व्रत रखते हुए भगवान भोलेनाथ और माता पार्वती की विशेष रूप से पूजा-आराधना करती हैं। मान्यता है सावन सोमवार का व्रत रखने और इस दिन शिव उपासना करने पर सभी तरह की मनोकामनाएं जल्द से जल्द पूरी हो जाती है। सावन का यह महीना 12 अगस्त तक चलेगा।
शिव
की ज्योति से नूर मिलता है
सबके दिलो को सुरूर मिलता है
जो भी जाता है भोले के द्वार
कुछ न कुछ जरूर मिलता है।
चिलम
के धुएं में हम खोते चले गए,
बाबा होश में थे और मदहोश होते चले गए…
जाने क्या बात है महादेव के नाम में,
न चाहते हुए भी उनके होते चले गए…
ॐ
नमः शिवाय कर्ता करे न कर सके,
शिव करे सो होय| तीन लोक नौ खंड में,
महाकाल से बड़ा न कोय..
जय श्री महाकाल
ॐ
त्र्यम्बकं यजामहे सुगन्धिं पुष्टिवर्धनम्।
उर्वारुकमिव बन्धनान्मृत्योर्मुक्षीय
माऽमृतात्।।
सावन मास की हार्दिक शुभकामनाएं
शिव
की ज्योति से नूर मिलता है
सबके दिलो को सुरूर मिलता है
जो भी जाता है भोले के द्वार
कुछ न कुछ जरूर मिलता है।
चिलम
के धुएं में हम खोते चले गए,
बाबा होश में थे और मदहोश होते चले गए…
जाने क्या बात है महादेव के नाम में,
न चाहते हुए भी उनके होते चले गए…
जय महाकाल
Q-महा
मृत्युंजय मंत्र कौन सा है?
महामृत्युंजय
मंत्र जिसे मृत संजीवनी मंत्र भी कहते हैं. ॐ हौं जूं सः ॐ भूर्भुवः स्वः ॐ त्र्यम्बकं यजामहे
सुगन्धिं पुष्टिवर्धनम् उर्वारुकमिव बन्धनान्मृत्योर्मुक्षीय मामृतात् ॐ स्वः भुवः
भूः ॐ सः जूं हौं ॐ। शास्त्रों के अनुसार, इस मंत्र का जाप करने से मरते हुए व्यक्ति को भी जीवन दान मिल सकता है
Q-महामृत्युंजय
मंत्र का जाप करने से क्या होता है?
शिवपुराण
के अनुसार, इस मंत्र के जप से मनुष्य की सभी बाधाएं और
परेशानियां खत्म हो जाती हैं। महामृत्युंजय
मंत्र का जप करने से मांगलिक दोष, नाड़ी दोष, कालसर्प दोष, भूत-प्रेत दोष, रोग, दुःस्वप्न, गर्भनाश, संतानबाधा कई दोषों का नाश होता है।
Q-महामृत्युंजय
मंत्र कब और कैसे करें?
महामृत्युंजय
मंत्र का जप करने के लिए सोमवार का दिन या
फिर प्रदोष की तिथि सबसे उपयुक्त मानी जाती है। ये दोनों ही दिन भगवान शिव के
माने जाते हैं और इस दिन महामृत्युंजय मंत्र का जप करने से विशेष लाभ मिलते हैं
Q-कितनी
बार जाप करना चाहिए?
जप करने वाले व्यक्ति को एक बार में 108 जाप पूरे करने चाहिए। इसके बाद सुमेरु से माला पलटकर
पुनः जाप आरंभ करना चाहिए। किसी भी स्थिति में माला
का सुमेरु लांघना नहीं चाहिए।
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