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महान दार्शनिक सुकरात की जीवनी




 

महान दार्शनिक सुकरात की जीवनी 

 ग्रीक एक  महान दार्शनिक थे। लोग उन्हें सूफी संत समझते थे और वे सूफियों की भाँति ही साधारण शिक्षा तथा मानव सदाचार पर वह जोर देते थे और उन्हीं की तरह पुरानी रूढ़ियों पर प्रहार करते थे। उनका कहना था, "सच्चा ज्ञान संभव है बशर्ते उसके लिए ठीक तौर पर प्रयत्न किया जाए; जो बातें हमारी समझ में आती हैं या हमारे सामने आई हैं, उन्हें तत्संबंधी घटनाओं पर हम परखें, इस तरह अनेक परखों के बाद हम एक सचाई पर पहुँच सकते हैं। ज्ञान के समान पवित्रतम कोई वस्तु नहीं हैं।सुकरात अथेन्स के बहुत ही गरीब घर में पैदा हुए थे। गंभीर विद्वान् और ख्यातिप्राप्त हो जाने पर भी उन्होंने वैवाहिक जीवन की लालसा नहीं रखी। ज्ञान का संग्रह और प्रसार, ये ही उनके जीवन के मुख्य लक्ष्य थे। उनके अधूरे कार्य को उनके शिष्य अफलातून और अरस्तू ने पूरा किया।
नवयुवकों को बिगाड़ने, देवनिंदा और नास्तिक होने का झूठा आरोप लगाकर उन्हें जहर देकर मारने का दंड दिया गया। 
सुकरात ने जहर का प्याला खुशी-खुशी पिया और जान दे दी। उनके शिष्यों तथा स्नेहियों ने उन्हें कारागार से भाग जाने का आग्रह किया किंतु उन्होंने कहा-

"भाइयो, तुम्हारे इस प्रस्ताव का मैं आदर करता हूँ कि मैं यहाँ से भाग जाऊँ। प्रत्येक व्यक्ति को जीवन और प्राण के प्रति मोह होता है। भला प्राण देना कौन चाहता है? किंतु यह उन साधारण लोगों के लिए है जो लोग इस नश्वर शरीर को ही सब कुछ मानते हैं। आत्मा अमर है फिर इस शरीर से क्या डरना? हमारे शरीर में जो निवास करता है क्या उसका कोई कुछ बिगाड़ सकता है? आत्मा ऐसे शरीर को बार बार धारण करती है अत: इस क्षणिक शरीर की रक्षा के लिए भागना उचित नहीं है। क्या मैंने कोई अपराध किया है? जिन लोगों ने इसे अपराध बताया है उनकी बुद्धि पर अज्ञान का प्रकोप है। मैंने उस समय कहा था-विश्व कभी भी एक ही सिद्धांत की परिधि में नहीं बाँधा जा सकता। मानव मस्तिष्क की अपनी सीमाएँ हैं। विश्व को जानने और समझने के लिए अपने अंतस् के तम को हटा देना चाहिए। मनुष्य यह नश्वर कायामात्र नहीं, वह सजग और चेतन आत्मा में निवास करता है। इसलिए हमें आत्मानुसंधान की ओर ही मुख्य रूप से प्रवृत्त होना चाहिए। यह आवश्यक है कि हम अपने जीवन में सत्य, न्याय और ईमानदारी का अवलंबन करें। हमें यह बात मानकर ही आगे बढ़ना है कि शरीर नश्वर है। अच्छा है, नश्वर शरीर अपनी सीमा समाप्त कर चुका। टहलते-टहलते थक चुका हूँ। अब संसार रूपी रात्रि में लेटकर आराम कर रहा हूँ। सोने के बाद मेरे ऊपर चादर उड़ देना।"
ऐसे महान व्यक्ति का जीवन किसी ग्रन्थ से कम नहीं है। कुछ ही दिनों पहले हमें सुकरात से सर्व प्रसिद्ध कथनों को प्रकाशित किया था  उम्मीद करते हैं की सुकरात की जीवनी से आप बहुत कुछ सीखने की कोशिश करेंगे और उनकी अच्छाईयों को अपने जीवन में उतरने की कोशिश करेंगे।  

सुकरात के अनमोल विचा

 

महान दार्शनिक सुकरात

Quote 1: An honest man is always a child.

एक ईमानदार आदमी हमेशा एक बच्चा होता है.

Quote 2: All men’s souls are immortal, but the souls of the righteous are immortal and divine.

In Hindi: हर व्यक्ति की आत्मा अमर होती है, लेकिन जो व्यक्ति नेक होते हैं उनकी आत्मा अमर और दिव्य होती है

Quote 3: As to marriage or celibacy, let a man take which course he will, he will be sure to repent.

शादी या ब्रह्मचर्य, आदमी चाहे जो भी रास्ता चुन ले, उसे बाद में पछताना ही पड़ता है.


Quote 4 Be slow to fall into friendship; but when thou art in, continue firm and constant.

मित्रता करने में धीमे रहिये, पर जब कर लीजिये तो उसे मजबूती से निभाइए और उसपर स्थिर रहिये.

Quote 5: Death may be the greatest of all human blessings.

मृत्यु संभवतः मानवीय वरदानो में सबसे महान है.

Quote 6: By all means, marry. If you get a good wife, you’ll become happy; if you get a bad one, you’ll become a philosopher.

चाहे जो हो जाये शादी कीजिये. अगर अच्छी पत्नी मिली तो आपकी ज़िन्दगी खुशहाल रहेगी ; अगर बुरी पत्नी मिलेगी तो आप दार्शनिक बन जायेंगे.

Quote 7: Beauty is a short-lived tyranny.

In Hindi: सौंदर्य एक अल्पकालिक अत्याचार है.


Quote 8: Where there is reverence there is fear, but there is not reverence everywhere that there is fear, because fear presumably has a wider extension than reverence.

In Hindi: हाँ सम्मान है वहां डर है,पर ऐसी हर जगह सम्मान नहीं है जहाँ डर है, क्योंकि संभवतः डर सम्मान से ज्यादा व्यापक है.


Quote 9: The greatest way to live with honor in this world is to be what we pretend to be.

इस दुनिया में सम्मान से जीने का सबसे महान तरीका है कि हम वो बनें जो हम होने का दिखावा करते हैं.


Quote 10: Our prayers should be for blessings in general, for God knows best what is good for us.

In Hindi: मारी प्रार्थना बस सामान्य रूप से आशीर्वाद के लिए होनी चाहिए, क्योंकि भगवान जानते हैं कि हमारे लिए क्या अच्छा है.

Quote 11: Not life, but good life, is to be chiefly valued.

 In Hindi: ज़िन्दगी नहीं, बल्कि एक अच्छी ज़िन्दगी को महत्ता देनी चाहिए.

 




Socrates 
सुकरात







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